Monday, September 10, 2018

मिलनाडु में रहने वाले कुछ लोग तमिलनाडु पुलिस की का

तमिलनाडु में रहने वाले कुछ लोग तमिलनाडु पुलिस की कार्रवाई और योगेंद्र यादव की गिरफ़्तारी से बिल्कुल भी हैरान नहीं थी.
जल्लीकट ट्रस्ट के सदस्य हिमाकरन अवागुला ने कहा, ''इस हाइवे का विरोध कर रहे किसानों से किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है. अगर कोई उनसे मिलने की कोशिश करता है तो पुलिस उसे तुरंत गिरफ़्तार कर लेती है. सामान्य तौर पर उन्हें शाम के 5 या 6 बजे तक हिरासत में रखा जाता है और अगर वो निर्देशों को नहीं मानते हैं तो उन्हें ज़िला छोड़ने के लिए कहा जाता है. अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें गिरफ़्तार करके मजिस्ट्रेट के सामने ले जाते हैं.''
हिमाकरन ने बताया कि पुलिस ने धर्मपुरी से लोकसभा सांसद और पीएमके नेता अंबुमणि रामदॉस तक को उनके ​ही संसदीय क्षेत्र में जाने और लोगों से मिलने से रोक दिया.
अंबुमणि रामदॉस ने भी इस बात की पुष्टि की और बताया, ''जब मैं मद्रास हाइकोर्ट गया तो कोर्ट को भी इस बात की हैरानी हुई कि मुझे मेरे संसदीय क्षेत्र में जाने नहीं दिया गया. ये बहुत अजीब है कि चेन्नई और सलेम के बीच पहले से ही तीन हाइवे हैं और किसी ने भी चौथे हाइवे की मांग नहीं की थी. मुख्यमंत्री पलानीसामी ने सिर्फ एक दिन में ये परियोजना केंद्र सरकार से मंज़ूर करा ली थी.''
रामदॉस ने कहा, ''इस हाइवे के लिए तीन पहाड़ियां काटी जाएंगी. तिरुवनमलाई में गौती और वेरिअप्पन पहाड़ी और सलेम जिले में गंजम पहाड़ी. तीनों ही लौह अयस्क से भरपूर हैं. यहां लौह अयस्क की लूट होगी.''
उन्होंने बताया कि योगेंद्र यादव तिरुवनमलाई में इसलिए आए थे क्योंकि किसानों ने उन्हें बुलाया था. इन पांच जिलों में एक तरह से 'लघु आपातकाल' लगा दिया गया है.
गिरफ़्तारी की आलोचना
रात को पुलिस ने योगेंद्र यादव को रिहा कर दिया. इसकी जानकारी योगेंद्र यादव ने फेसबुक पोस्ट करके भी दी. उन्होंने लिखा कि आखिरकार तमिलनाडु सरकार नरम पड़ी. हमारे साथ हिरासत में लिए गए सभी किसानों (करीब 40) को रिहा कर दिया गया है. मैं किसानों से मिलने जा रहा हूं.
डीएमके नेता एमके स्टालिन ने ट्वीट किया, ''डीएमके स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव की जबरन हिरासत की सख्ती से निंदा करती है जो चेन्नई—सलेम एक्सप्रेस वे परियोजना से प्रभावित होने वाले किसानों का समर्थन करने आए थे. असहिष्णु एआईएडीएमके सरकार को लोगों के अलग मत रखने और विरोध करने का लोकतांत्रितक अधिकारी छिनने की क़ीमत चुकानी होगी.''
जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने भी योगेंद्र यादव की गिरफ़्तारी का विरोध करते हुए ट्वीट किया, ''तमिलनाडु में पूरी तरह पुलिस राज है जिसे दिल्ली से नियंत्रित किया जा रहा है. आख़िर किस क़ानून के तहत पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार किया. सिर्फ़ ज़मीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों से मिलने के लिए. अघोषित आपातकाल!''हमारे चहेते प्रधानमंत्री अटल जी के घुटने का ऑपरेशन 10 अक्तूबर को होना है और हम उनके स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं. पार्टी ने दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए 10 सूत्रीय एक्शन प्लान बनाया है. यूपी, बंगाल, पंजाब, केरल, असम और तमिलनाडु के विधान सभा चुनाव की तैयारी में लग जाना है."
ये आह्वान साल 2000 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण ने नागपुर में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में दिया था.
आते हैं साल 2003 में जब रायपुर में हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और जसवंत सिंह के सामने मौजूदा उप-राष्ट्रपति और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने एक दहाड़ लगाई थी.
वेंकैया नायडू ने कहा था, "भाजपा में एकता है. भाजपा में स्पष्टता है. लोग भाजपा और सहयोगी दलों को एक और बड़ा मौका देना चाहते हैं."
अगले ही साल यानी 2004 के आम चुनावों में भाजपा नेतृत्व वाले सत्ताधारी एनडीए गठबंधन को क़रारी हार के बाद गद्दी छोड़नी पड़ी थी.
लौटते हैं सीधे 14 साल बाद 8 सितंबर, 2018 को शुरू हुई भाजपा की एक और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तरफ़.
"नरेंद्र मोदी में हमारे पास दुनिया का सबसे लोकप्रिय नेता है." हुंकार भरी भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने.
ज़ाहिर है, इशारा 2019 के आम चुनावों और इसी साल होने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत पांच विधान सभा चुनावों की तरफ़ है.
दिल्ली के एक नामचीन पांच सितारा होटल के बगल में आंबेडकर इंटरनैशनल सेंटर हैं जिसका उद्घाटन पिछले साल खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था.
आंबेडकर सेंटर आज भाजपा के भगवे रंग के बैनरों से सजा हुआ है और हर तरफ़ दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर लटक रही है.
भीतर के हॉल में वाजपेयी की कविताओं के अलावा परवेज़ मुशर्रफ़ से हुई उनकी मुलाक़ात, संयुक्त राष्ट्र में दिया गया उनका भाषण और दर्जनों रैलियों को सम्बोधित करने वाली तस्वीरें लगाई गई हैं.
अंदर से लेकर बाहर सड़क तक लगे लगभग हर बैनर पर सबसे बड़ी तस्वीर नरेंद्र मोदी की है, ठीक बगल में विराजमान हैं मौजूदा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की फ़ोटो.
राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी नेताओं की तस्वीर भी इसी बैनर पर है, लेकिन पहली दो तस्वीरों की आधी.
थोड़ा ढूढ़ने पर कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की तस्वीर भी एक बैनर पर दिखी. लेकिन उस तस्वीर पर सिर्फ़ यही दो 'मार्गदर्शक' नेता थे, कोई और नहीं.
शनिवार सुबह अमित शाह ने यहाँ पहुँचने के साथ ही भीमराव आंबेडकर की विशाल प्रतिमा पर फूल चढ़ाए और प्रणाम किया.
पिछले तमाम वर्षों में पार्टी की ये बैठक अगर दिल्ली में होती थी तो जगह तालकटोरा या जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम या फिर एनडीएमसी सेंटर ही रहती थी.
भीमराव आंबेडकर के नाम से जुड़े इस भव्य भवन में बैठक का होना महज़ इत्तेफ़ाक़ बिलकुल नहीं है. जरात में दलितों के ऊपर हुए हिंसक हमलों से लेकर उत्तर प्रदेश में मायवती पर एक वरिष्ठ भाजपा नेता की अभद्र टिपण्णी पर माफ़ी मांगने तक.
पिछले दो वर्षों में देश के महराष्ट्र राज्य से लेकर गुजरात और उत्तर प्रदेश तक दलित समुदाय के विशालकाय विरोध प्रदर्शनों का निशाना भी झेलना पड़ा है.
इस बीच भाजपा सरकार ने एससी-एसटी एट्रोसिटी प्रिवेंशन एक्ट को फिर से मूल स्वरूप में लाने के लिए क़ानून बनाने की घोषणा की है.
एससी-एसटी एक्ट 1989 का एक स्पेशल एक्ट है जिसे बनाने की वजह थी भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धाराओं के बावजूद एससी-एसटी के ख़िलाफ जाति के आधार पर होने वाले अपराधों का कम न होना.
इसमें तत्काल मुक़दमा दायर होने और मुक़दमा दायर होने के बाद तत्काल गिरफ़्तारी का प्रावधान है और अग्रिम ज़मानत निषेध है.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस साल एक फ़ैसले में इन तीनों प्रावधानों को निरस्त कर दिया था. सरकार अब नया क़ानून लाकर अत्याचार निरोधक क़ानून को मूल रूप में बहाल करने की योजना बना चुकी है.
ज़ाहिर है, निशाना दलित और पिछड़े वर्ग का अहम वोट है.

Friday, September 7, 2018

世界大部分地方“离另一城市不到两天”

《新科学家》杂志引用新的世界连通性地图称, 世界上已剩下很少地方没有涉及人类的足迹。该地图由位于意大利伊斯普拉的欧洲委员会联合研究中心及世界银行的研究人员联合绘制。研究人员发现, 世上最偏远的地方位于青藏高原,到达拉萨或库尔勒需要三周时间。

该地图主要根据一个结合了地形、道路设施、铁路及河流网络等资料的模型, 计算出以陆路或水路前往最近的 人口以上的城市所需的时间。这个换算模型亦衡量一些导致行程缓慢的因素,如高度、陡峭地形以及过境延误等。

根据绘制成的地图, 从最近的城市出发, 世上只有不到10%的地方需要超过48小时的陆路方式前往。即使偏远如亚马孙地带, 其四通八达的河道和正在增加的道路设施意味着从邻近城市出发, 只有其中20%的土地需要超过两天的时间到达。


在地图上,一些世界上最繁忙的航道显示出中国出口贸易的蓬勃发展。这些地图的建立是为了说明人口分布如何影响他们获得教育和医疗保障等资源, 以及显示出人类如何把野生动物从偏远的栖息地驱赶出来。领导该项目的阿兰•保戈希望以此地图为基础, 追寻新兴经济将如何改变世界的面貌。

加蓬的热带雨林活动家-- 在接受路透社的采访时指出,非洲国家必须停止签署不公平交易,把自然资源拱手让给中国和其他国家的外国公司。不久前,Ona因十年来保护世界第二大的刚果盆地热带雨林的民间活动而被授予2009年度非洲戈德曼环境奖。

Ona揭露了一个加蓬政府与中国机械设备进出口公司于2006年签署的高达35亿美元的协议,主要涉及在加蓬的文多国家公园内和周围开发贝林加矿。这个项目包括铁路、公路建设、开采矿藏,并在非洲最美丽的瀑布上修建水坝。 进行了强烈抗议,迫使加蓬减少90%的开采,取消了对中国机械设备进出口公司的减税提议, 并且暂停该项目直到一个环境影响评价出台。

“非洲再不能像上世纪三十年代的做法一样,随意与经济伙伴签署协议去开发自然资源,” 对路透社说,“在贸易合作上,非洲也无须表现得低三下四。我们有资源而经济伙伴有资金,那是50%对50% 。不愿按我们规矩进行合作,可以去其他地方。”

加蓬是刚果盆地的一部分,并且大约75%的国家被茂密的热带雨林覆盖。根据环境保护网站mongabay.com,每年在加蓬逾一万公顷的林地由于过度砍伐而消失。近年来中国在非洲的投资不断增多,但很多项目都是不公开实施。

戈德曼环境奖素有“环境保护的诺贝尔奖”之称。 是今年的六位获奖人之一,其他获奖者来自孟加拉共和国、俄罗斯、印度尼西亚、美国和苏里南。
据美国亚洲协会一项新的报告称,在亚洲获取安全稳定的水源愈发困难,“这会对地区安全产生深远影响”。在这份题为《亚洲下一个挑战:保护地区水资源的未来》的报告中,亚洲协会建议出台综合性战略来扭转地区危机,而这需要高度的政治意愿和大规模投资。

这个位于美国纽约的智库机构警告说,亚洲清洁水源减少将意味着食物供给紧缺,日常生活安全受到威胁,国内或跨境大规模移民上升以及经济和地缘政治的紧张和不稳定局面不断加剧。

亚洲协会会长丁文嘉表示:“以目前主导的环境观来看水短缺和质量下降是远远不够的。”他还谈到,由于国家和社会面临水资源短缺加剧,决策者同时需要考虑该问题对国家安全及社会发展的挑战。

世界一半的人口居住在亚洲,而与此同时它又是除南极洲外人均清洁水源占有率最低的洲。当前,该洲1/5即7亿人口无法获取清洁水源供给,同时有18亿、占该地区一半的人口缺乏基本卫生条件。人口增长、城市化进程加快、高速经济增长以及气候变化都将加剧这一现状。

报告同时暴露了该地区目前以及未来所面临的一些最为严峻的与水资源相关的挑战。其中包括对抗邻国间的水争端,如印度和巴基斯坦;中国由工农业污染所带来的村镇省市间的矛盾;以及气候变化给亚洲冰川带来的负面影响,而这些冰川为许多国家提供着主要清洁水源。

亚洲协会表示,各国政府需要出台可以迅速解决问题的一揽子政策,并联合水源安全利益攸关方进行地区协调合作。

Tuesday, September 4, 2018

苹果不为人知的一面(中文版)

国际环保组织绿色和平今日发布对云南铬污染调查结果,呼吁关注当地居民在铬污染环境中的暴露情况。
       云南违法倾倒铬渣造成水污染事件,被媒体大范围曝光后,绿色和平调查小组从8月17日至25日前往云南实地调查。
       “确凿的调查数据表明,这些堆积了数十年的铬渣,已经严重污染当地环境,并时刻威胁当地居民健康”,绿色和平污染防治项目主任马天杰说,“更令人担忧的是,当地居民仍在这些被严重污染的地区耕种和放牧,或使用受污染的水进行灌溉。他们通过各种途径暴露于铬污染之下,而没有人对他们提出警示或限制。”
       绿色和平调查结果显示,在拥有14万吨铬渣的云南陆良化工实业有限公司厂区东南侧,地下水出水口六价铬浓度超过标准的242倍,该区水稻田中存水的六价铬浓度也高达限值的126倍,而工厂附近用于灌溉农田的南盘江水中六价铬浓度亦超过五类水标准2倍。
       马天杰说:“许多村民为了饮水安全,购买桶装水。但在当地干燥的空气条件下,人们仍可能通过呼吸而中毒。”他认为当地政府或环保组织应该在危险区域设置警示标志,而目前仍没有看到有效保护当地居民的举措。
       绿色和平还呼吁,包括铬渣污染治理在内的全国重金属污染防治工作,应向社会充分公开信息、鼓励公众参与,并强调从源头减少污染物的产生,而非依赖末端治理手段。
奥巴马总统在8月9日宣布了首个控制中大型车辆温室气体排放、以及改进其油耗效率的项目。该计划将帮助车主和经营者们在2014至2018年间节省500亿美元的燃油花费,同时减少约2.7亿吨的碳排放量。
 
大型车辆用途广泛,例如用来运送货物或是作为校车,这些车辆占了美国12%的油耗和6%的温室气体排放量。由于柴油车辆运行费用比汽油车辆要低,柴油车辆仍然占据了大型车辆中的很大比例。燃烧1加仑的柴油会产生超过22(大约10公斤)的二氧化碳,比1加仑汽油产生的量要多3磅(约1.4公斤)。新标准将让一辆普通大型载货卡车每开100英里(约62.1千米),节省1加仑柴油或汽油,并让这些车辆在2018年前减少15%的温室气体排放。
 
烧柴油或汽油燃料除了对气候变化有巨大影响之外,燃烧过程中释放的颗粒物也会造成呼吸系统或心血管疾病。尤其是柴油机废气,在美国国家毒物学研究项目发表的第十一份致癌物报告中被认为是“相当可能成为人类致癌”。其他研还显示柴油货车经常聚集在低收入的社区中,成为当地人民(尤其是老人和儿童)健康的主要担忧。例如,在加利福尼亚州威明顿长滩的居民区中,21.9%的年龄在5到17岁的儿童患有哮喘,比美国该年龄段的哮喘率高了7.7%。
 
早在2001年,美国国家环保局就开始了一项控制大型车辆柴油使用的项目,主要关注硫排放。最近的这项方案第一次将关注点转向二氧化碳排放和更高标准的空气质量,包括通过减少空气中颗粒物来改进臭氧层和空气质量,这些标准在2030年将给美国社会带来高达约42亿美金的福利。
 
美国国家环保局为该项目提供了二氧化碳排放标准,而隶属美国交通部的国道交通安全部设置了燃料使用标准。因为这些车辆载货越重,燃料消耗越多,这项双重标准也让车辆制造商在制造车辆时整体考虑汽车引擎和载重量,这样能最大程度上帮助减少燃油消耗和温室气体排放。
 
这个新的项目将给社会带来多方面的好处,而据奥巴马总统称,这个项目其实是由货车业发起的。它为社会各界合作取得环境、经济、和社会成就树立了一个榜样。据估计通过节省油耗一名半挂汽车运营商通常能在汽车使用寿命内净省73000美金——因此这个项目赢得了来自美国卡车业和环保人士双方的掌声。