Friday, August 31, 2018

अमर सिंह के आरोपों पर अखिलेश का जवाब- बीजेपी चाह रही है ध्यान भटकाना

राज्यसभा सांसद व पूर्व सपा नेता अमर सिंह के आरोपों का यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सधा हुआ जवाब दिया. किसी भी आरोप पर सीधे न बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि बीजेपी अहम मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है.
अखिलेश यादव ने कहा कि मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने की ताकत सिर्फ बीजेपी के पास है. गरीबी, बेरोजगारी और सरकारी वायदों पर कोई बात नहीं हो रही है. देश का युवा परिवर्तन चाहता है, यूपी की जनता बदलाव चाहती है. किसान से लेकर व्यापारी परेशान हैं. आखिर इन मुद्दों से देश का ध्यान कब तक भटकाया जाएगा.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी 19 सितंबर से साइकिल यात्रा करने जा रही है. जिस एक्सप्रेसवे पर सुखोई और मिराज उतरा था, उसपर नौजवान साइकिल चलाएंगे. उन्होंने कहा कि देश 2019 में नया पीएम चाहता है.
अखिलेश ने कहा कि डिजिटल दुनिया में कुछ फैलाया जा रहा है. इसमें कुछ लोगों को ज्यादा जानकारी है. हमने भी बच्चों को लैपटॉप बांटे थे. जब सरकार बनेगी तब बिना भेदभाव लैपटॉप बांटे जाएंगे. हम सरकार को उसका वायदा याद दिलाना चाहते हैं. एक बार हमारी सरकार में बंटे लैपटॉप की सूची निकालकर देख ले. बीजेपी से बड़ा झूठ कोई बोल नहीं सकता.
पूर्व यूपी सीएम अखिलेश ने कहा कि युवा ही 2019 में लड़ाई लड़ेंगे. ये वही सरकार है जिसने नौकरियां देने का वायदा किया था. लेकिन ऐसा कुछ हुआ ही नहीं. वहीं अमर सिंह द्वारा 'समाजवादी पार्टी' को 'नामाजवादी पार्टी' कहने के सवाल पर अखिलेश ने कहा 'हमारे प्रोडक्ट, बीजेपी वाले प्रोडक्ट नहीं हैं'.
गौरतलब है कि अमर सिंह ने शिवपाल यादव की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्होंने शिवपाल की बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कराने के लिए समय तय कराया था. लेकिन शिवपाल नहीं गए. शिवपाल शिल्पकार नहीं, मुलायम की अच्छी कृति हैं. शिवपाल ने किसी की इज्जत नहीं लूटी. किसी के साथ छेड़छाड़ नहीं की. वहीं, अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने शिवपाल को ही नहीं, बल्कि अपनी मां के साथ-साथ बाप मुलायम सिंह यादवत्तर प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा परिषद ( ) के स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए परीक्षा की तारीखों का ऐलान कर दिया है. नोटिस जारी कर परीक्षा की तारीख का ऐलान किया है, नोटिस के अनुसार परीक्षा 28 अक्टूबर 2018 को आयोजित की जाएगी और रिजल्ट की 20 नवबंर को बताई गई है. आपको बता दें, पहले योगी सरकारी ने बेसिक शिक्षा परिषद् की सहायक अध्यापक की भर्तियों पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब इसे फिर से शुरू किया जा रहा है.
आपको बता दें, ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 17 सितंबर से शुरू हो जाएगी जो 3 अक्टूबर तक चलेगी. उम्मीदवार  की आधिकारिक वेबासाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. परीक्षा का आयोजन 2 शिफ्ट में किया जाएगा. पहली परीक्षा सुबह 10 से 12.30 बजे तक और दूसरी परीक्षा दोपहर 2.30 से 5.00 बजे तक होगी. वहीं एडमिट कार्ड 17 अक्टूबर को जारी कर दिए जाएंगे.
को भी नहीं छोड़ा.द्र सरकार ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जैसे संस्थानों में दाखिले की कोचिंग को लेकर कदम उठाया है. जहां जेईई परीक्षा की कोचिंग के लिए प्राइवेट संस्थानों लाखों रुपये ले रहे हैं, वहीं सरकार ने इसकी फ्री कोचिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बना रखा है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परीक्षार्थी भी आसानी से इसकी पढ़ाई कर सकेंगे.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी इसकी जानकारी दी है. जावड़ेकर ने ट्वीट कर बताया कि आईआईटी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के फायदे के लिए आईआईटी-पीएएल को लोकप्रिय किया जाएगा, जिसके लेक्चर सरकारी वेबसाइट के माध्यम से उम्मीदवारों को प्राप्त होंगे. Swayam नाम की वेबसाइट से छात्र लेक्चर देख सकेंगे और पोर्टल पर जाकर आईआईटी प्रोफेसरों की वीडियो ट्यूटोरियल से आईआईटी एंट्रेंस परीक्षा के लिए तैयारी कर सकेंगे.
आईआईटी काउंसिल की 52वीं बैठक के बाद उन्होंने बताया कि आईआईटी-पीएल प्रोग्राम में गणित, फिजिक्स, केमिस्ट्री के 600 से ज्यादा लेक्चर हैं. जिसके बाद पोर्टल पर बच्चे न सिर्फ इन लेक्चर्स को देख सकेंगे, बल्कि प्रैक्टिस भी कर सकेंगे. ये सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध रहेगी. इससे आने वाले वर्षों में बच्चे जेईई की तैयारी ऑनलाइन कर सकेंगे और उन्हें कोचिंग सेंटर में भारी-भरकम फीस नहीं भरनी पड़ेगी.
बता दें कि इससे पहले भी सरकार ने एडमिशन के लिए आवश्यक जेईई परीक्षा को लेकर भी कई बदलाव किए हैं. जिनके अनुसार अब जेईई की परीक्षा साल में दो बार की जाएगी और जेईई मेंस का आयोजन भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा किया जाएगा.

Monday, August 27, 2018

चर्चों में बच्चों के शोषण पर पोप ने जताई शर्मिंदगी

पोप फ्रांसिस ने कहा है कि वो पादरियों और चर्च के अन्य पदाधिकारियों द्वारा यौन शोषण के "घिनौने अपराधों" से निपटने में कैथलिक चर्च की नाकामी के कारण शर्मिंदा हैं.
इससे पहले आयरलैंड के प्रधानमंत्री ने पोप को कड़ी चेतावनी दी थी कि बाल शोषण और इसे छिपाए रखने के लिए दोषी पारदियों के खिलाफ कार्रवाई करें.
पोप ने पादरियों द्वारा यौन शोषण के पीड़ितों के साथ नब्बे मिनट बिताए.
39 सालों में पहली बार आयरलैंड में पोप का आगमन हुआ है और वह भी संयोग से 'वर्ल्ड मीटिंग ऑफ़ फैमिलीज़' के दौरान. यह एक ऐसा कार्यक्रम होता है जिसमें पूरी दुनिया के कैथलिक हर तीन साल में एकत्रित होते हैं.
मूल रूप से अर्जेंटीना के पोप ने अपने भाषण की शुरुआत में वह चिट्ठी पढ़ी जो उन्होंने इस हफ़्ते दुनिया के 120 करोड़ रोमन कैथलिकों को भेजी है. इस चिट्ठी में उन्होंने बाल शोषण और पादरियों द्वारा इसे छिपाए जाने के 'महापाप' की निंदा की है.बलिन कासल में राजनेताओं और प्रतिनिधियों से पोप ने कहा, "आयरलैंड में चर्च के सदस्यों द्वारा कमउम्र के लोगों का शोषण किया गया, जिनकी सुरक्षा और शिक्षा की ज़िम्मेदारी उन्हीं के ऊपर थी. मैं ऐसा नहीं कर सकता कि इस गंभीर कलंक को अस्वीकार कर दूं."
उन्होंने कहा, "चर्च प्रशासन- बिशप, पादरियों और अन्यों की इन घिनौने अपराधों को निपटने में नाकामी के कारण नाराज़गी पैदा होने स्वाभाविक है. पूरे कैथलिक समुदाय को इससे पीड़ा और शर्म का अनुभव हो रहा है. मैं भी ऐसा ही महसूस कर रहा हूं."
शोषण के बारे में बात करते हुए पोप ने कहा, "मैंने चर्च से इस कलंक को किसी भी कीमत पर जड़ से खत्म कर देने के लिए कड़ी प्रतिबद्धता तय की है."
  • पोप से पहले आरयलैंड के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने कहा कि चर्च, सरकार और पूरे समाज की नाकामी के कारण कई लोगों के लिए कड़वी और बिखरी हुई धरोहर छोड़ी है, दर्द और कष्ट की विरासत छोड़ी है.
    आयरलैंड के चर्च से जुड़े कई सारे स्कैंडलों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मैग्दलीन लॉन्ड्रीज़, मातृ एवं शिशु गृह, औद्योगिक विद्यालय, गैरकानूनी रूप से गोद लेने और पादरियों द्वारा बच्चों के शोषण के दाग हमारे देश, हमारे समाज और कैथलिक चर्च पर लगे हैं."
    "लोगों को अंधेरे कोनों में रखा गया, कमरों में बंद करके रखा गया, मदद की गुहारें अनसुनी रह गईं..... हे परमपिता, मैं तुमसे गुहार लगाता हूं कि पीड़ितों और इन मुश्किलों से जूझकर बचे लोगों की सुनो."
    वराडकर ने कहा कि बच्चों का शोषण करने वाले और इसे संरक्षण देने वालों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस अपनाना होगी और इस इन शब्दों को ज़मीन पर उतारना होगा.
    उन्होंने अमरीकी राज्य पेन्सिलवेनिया में हुई एक जांच का हवाला दिया जिसमें 300 पादरियों द्वारा 1000 नाबालिगों के शोषण की बात सामने आई थी.
    एमनेस्टी इंटरनैशऩल आयरलैंड के कोम ओगॉर्मन का एक पादरी ने किशोरावस्था में दो साल तक यौन शोषण किया था. उन्होंने कहा कि पोप ने इस मामले पर कुछ खास या असरदार टिप्पणी नहीं की.
    "उन्हें हमसे बेबाकी और सफाई से बात करनी चाहिए थी. खुलकर और मानवीय ढंग से बात करनी चाहिए थी."

    संस्थागत शोषण के पीड़ितों और जूझकर बचे लोगों के समूह वाविया ने पोप के वाहन के रास्ते में डबलिन कैसल के बाहर प्रदर्शन किया.
    उन्होंने सड़क किनारे बच्चों के जूते रख दिए थे. हर जूता उस बच्चे का प्रतिनिधित्व करता था जिसका पादरियों ने शोषण किया था.

Sunday, August 12, 2018

新“丝绸之路”会是一条绿色之路吗?

骆驼换高铁,大篷车换电站,曾经的丝绸之路似乎正在走向复兴。2017年5月14到15日,“一带一路”峰会将在北京举行,与会各方将深入探讨古丝绸之路的复兴问题。如果单从丝绸之路的历史象征意义来看,你或许认为这次峰会不过是一群学者的神秘聚会,但是事实并非如此。本次峰会将是今年中国在地缘政治领域的一次核心活动,同时也是中国能否成为国际领导力量的分水岭。而“一带一路”计划也将在推动全球,特别是新兴经济体国家可持续发展的过程中发挥决定性作用。

与会各方大揭秘

作为习近平主席的一项重要议程,本次“一带一路”论坛将成为中国在国际舞台上召开的规格最高的会议之一。共有来自28个国家的领导人
出席,而意大利总理则是唯一参会的七国集团(G7)国家领导人。此外,联合国、世界银行、国际货币基金组织的领导人,以及110个国家的代表也将参加本次会议。

本次大会首先将由习近平主席发表主旨演讲,随后是各国首脑参加的全体大会,以及一系列各方代表参加的平行讨论会。5月15日将召开专门的政策会议,讨论会议公报草案,最终文件可能会在峰会结束时公布。

什么是“一带一路”计划?重要性何在?

近些年来,中国不仅在国内取得了飞速发展,对拉美和非洲国家的海外投资和开发也引发了媒体的广泛关注。2013年,习近平主席首次提出了“一带一路”倡议,希望借此进一步推动海外开发。按照规划,中国将向古丝绸之路沿线的60多个国家投资大约
4万亿美元。

根据2015年春季发布的《推动共建丝绸之路经济带和21世纪海上丝绸之路的愿景与行动》,“一带一路”规划分为“丝绸之路经济带”(即“一带”)和“21世纪海上丝绸之路”(即“一路”)两部分,主要是通过基础设施建设投资提高区域内部的互联互通。

目前,“一带一路”沿线已有部分项目开工建设。2016年8月,习近平主席宣布,中国已经与
30多个沿线国家正式签署了共建“一带一路”合作协议,并且同20多个国家就铁路、燃煤电厂等900多个规划项目展开合作。

“一带一路”规划之所以重要,不仅仅是因为来自中方的巨额投资,更重要的是其政治意义。如今美国的政策正逐渐转向国内,而中国则希望通过“一带一路”规划开启更具包容性的“全球化2.0时代”。如果真是如此,中国将通过“一带一路”持续重塑传统的发展模式,并重新打造一种能够深刻改变现有全球治理的新体系。

“一带一路”的环境意义

中国对新丝绸之路展现出了前所未有的开发热情,而这对当地自然环境来说却是喜忧并存。2015年颁布的《推动共建丝绸之路经济带和21世纪海上丝绸之路的愿景与行动》中要求,“强化基础设施绿色低碳化建设和运营管理,在建设中充分考虑气候变化影响。”

此外,中国社会科学院2016年发布的一份
报告强调,“一带一路”规划是中国帮助发展中国家提高环境机构能力的一个良机。此外,报告还呼吁中国在政策、战略和规划阶段等多个层面展开全面的环境影响评估。

从陆上线路来看,中国的开发计划将会给丝绸之路沿线国家带来多重环境隐忧。从一开始, “一带一路”规划设定的一部分目标就是为了吸收中国钢铁和水泥行业过剩的产能,进而带动中国国内经济发展。而这种模式实际上走的还是高碳重污染的老路,很难帮助规划沿线国家减少对重工业的依赖。

从更广泛的角度来看,这就牵扯到了一些不必要的、或利用率低的基础设施。亚洲开发银行预计,到2020年亚洲地区每年新建基础设施项目资金总需求为7700亿美元。机遇虽好,但是中国也必须审慎投资,避免不必要的资源浪费。

“一带一路”计划的一个焦点就是化石燃料相关的基础设施建设,比如新建一条横穿缅甸的输油管道,以及在巴基斯坦和东南亚地区建设多座燃煤电厂。虽然中国一直在国内和国际社会大力宣扬绿色能源的巨大潜力,但是这些煤电投资却会让上述地区背上化石燃料的枷锁。过去,中国的海外开发项目常常带来不少环境污染问题,比如在加纳进行的矿产开发就曾造成当地水资源污染。当地社区对这些生态环境破坏的各种疑虑使中方海外发展计划大受影响,比如此前缅甸方面就曾叫停了位于伊洛瓦底江的中国密松水电站项目。